शुक्रवार, ५ ऑगस्ट, २०११

सच्चा रास्ता..


सच्चा रास्ता...

 मुरत की पुजा सब करे, उसमें नहीं रे जान।
दीन दुःखी की सेवा करे, वहीं धर्म पहचान।।
मेंरा धरम सबसे बडा, छोटा तुम्हारा धरम।
धरम पर क्यों लढाई खेले, कर इंसान शरम।।
जगमें कोई छोटा नही, नही कोई रे महान।
एक ईश के बच्चे सारे, उस आगे सब समान।।
फिर क्यों झगडा लफडा करते, क्यों बहाते खुन।
अरे मानव दुश्मनी छोडो, तुम्हे प्रभुकी आन।।
सारे मानव भाई भाई, नही करे अवमान।
इस धरती पर जनम लिया, न करे व्यर्थ अभिमान।।
ज्ञान विज्ञान सिख ले बंदे, कर कोई मेहनत।
सच्चे रास्ते को छोडो ना प्यारे, है उसमें हित।।
कहे दत्ताजी सुनो मेरे भाई, याद रखो सारी बात।
ईश्वर तुम्हारा भला करे, खुल जाए किस्मत।।

......डी सिताराम


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