नाम घ्यावे विठोबाचे।
गुण वाचे वर्णावे।।
तेणे झडे भवरोग।
नाही भोग संसारी।।
मनी शुद्ध भाव होई।
बाधा जाई सकल।।
दत्ता सांगे सकलाशी।।
तयापाशी नारायण।।
नाम घ्यावे सर्वकाळ।
तळमळ भावेशी।।
तेणे झडेल हा मळ।
करी निर्मळ मनाशी।।
दत्ता सांगे हाकारोनी।
करा पेरणी नामाची।।
नाम फुकाचे फुकाचे।
होई साचे अमृत।।
करा झणी उठाठेव।
काळ भेव दाववी।।
गर्जुनिया वदे वाचे।
संसाराचे बिज क्षय।।
दत्ता रंगला नामात।
केली मात कळीकाळा।।
नाम गोड तुझे देवा।
पडे हेवा ब्रह्मादिका।।
धन्य संसाराशी आलो।
रंगी रंगलो नामात।।
जन्मोजन्मी दास तुझे।
नाही ओझे संसाराचे।।
दत्ता म्हणे धन्य धन्य।
झालो अनन्य दास तुझे।।
नाम सुंदर बरवे।
मनी घ्यावे आवडिने।।
तेणे तुटती बंधन।
आत्मज्ञान प्रगटेल।।
दत्ता ध्याई विठ्ठलाशी।
ओंकाराशी पडे गाठ।।
नाम साधन सोपेरे।
घ्यारे घ्यारे सकळ।।
ध्याई आदरे गोविंद।
मनी छंद लागलासे।।
नसे आणिक साधन।
वाही आण विठोबाची।।
दत्ता झाला नारायण।
त्रिभुवनी व्यापलासे।।
गुज सांगावे देवाशी।
तयापाशी लडिवाळ।।
रक्षिल हा सर्वभावे।
त्वरे लागावे चरणी।।
होई संसाराचा नाश।
सावकाश स्मरुनिया।।
दत्ता म्हणे सखा हरी।
पार करी हा संसार।।
.............डी सिताराम
गुण वाचे वर्णावे।।
तेणे झडे भवरोग।
नाही भोग संसारी।।
मनी शुद्ध भाव होई।
बाधा जाई सकल।।
दत्ता सांगे सकलाशी।।
तयापाशी नारायण।।
नाम घ्यावे सर्वकाळ।
तळमळ भावेशी।।
तेणे झडेल हा मळ।
करी निर्मळ मनाशी।।
दत्ता सांगे हाकारोनी।
करा पेरणी नामाची।।
नाम फुकाचे फुकाचे।
होई साचे अमृत।।
करा झणी उठाठेव।
काळ भेव दाववी।।
गर्जुनिया वदे वाचे।
संसाराचे बिज क्षय।।
दत्ता रंगला नामात।
केली मात कळीकाळा।।
नाम गोड तुझे देवा।
पडे हेवा ब्रह्मादिका।।
धन्य संसाराशी आलो।
रंगी रंगलो नामात।।
जन्मोजन्मी दास तुझे।
नाही ओझे संसाराचे।।
दत्ता म्हणे धन्य धन्य।
झालो अनन्य दास तुझे।।
नाम सुंदर बरवे।
मनी घ्यावे आवडिने।।
तेणे तुटती बंधन।
आत्मज्ञान प्रगटेल।।
दत्ता ध्याई विठ्ठलाशी।
ओंकाराशी पडे गाठ।।
नाम साधन सोपेरे।
घ्यारे घ्यारे सकळ।।
ध्याई आदरे गोविंद।
मनी छंद लागलासे।।
नसे आणिक साधन।
वाही आण विठोबाची।।
दत्ता झाला नारायण।
त्रिभुवनी व्यापलासे।।
गुज सांगावे देवाशी।
तयापाशी लडिवाळ।।
रक्षिल हा सर्वभावे।
त्वरे लागावे चरणी।।
होई संसाराचा नाश।
सावकाश स्मरुनिया।।
दत्ता म्हणे सखा हरी।
पार करी हा संसार।।
.............डी सिताराम