गुरुवार, ७ एप्रिल, २०११

दत्ता म्हणे

गुरु कृपेची पहाट।
राम सर्वत्र चोखट।।
राम शरीरी बाहेरी।
राम राही चराचरी।।
राम चेईले निदेले।
रामे घरकुल केले।।
राम जळी स्थळी काष्ठी।
एक्या मुखी करा गोष्टी।।
दत्ता शरण शरण।
राम राजीव लोचन।।

   .......डी सिताराम

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत: